Kumar Vishwas

ओ कल्पवृक्ष की सोनजुही!

ओ कल्पवृक्ष की सोनजुही!ओ अमलताश की अमलकलीधरती के आतप से जलतेमन पर छाई निर्मल बदली.मैं तुमको मधुसदगन्ध युक्त संसार नहीं दे पाऊँगातुम मुझको करना माफ तुम्हे मैं प्यार नहीं दे पाऊँगातुम कल्पव्रक्ष का फूल औरमैं धरती का अदना गायकतुम जीवन के उपभोग योग्यमैं नहीं स्वयं अपने लायकतुम नहीं अधूरी गजल शुभेतुम शाम गान सी पावन…

प्यार जब जिस्म की चीखों में दफ़न हो जाये ,

घर के एहसास जब बाजार की शर्तो में ढले ,अजनबी लोग जब हमराह बन के साथ चले ,लबों से आसमां तक सबकी दुआ चुक जाये ,भीड़ का शोर जब कानो के पास रुक जाये ,सितम की मारी हुई वक्त की इन आँखों में ,नमी हो लाख मगर फिर भी मुस्कुराएंगे ,अँधेरे वक्त में भी गीत…

रंग दुनिया ने दिखाया है निराला, देखूँ,

आइना रख दे मेरे हाथ में,आख़िर मैं भी,कैसा लगता है तेरा चाहने वाला देखूँजिसके आँगन से खुले थे मेरे सारे रस्ते,उस हवेली पे भला कैसे मैं ताला देखूँहर एक नदिया के होंठों पे समंदर का तराना है,यहाँ फरहाद के आगे सदा कोई बहाना हैवही बातें पुरानी थीं, वही किस्सा पुराना है,तुम्हारे और मेरे बीच में…

कुछ छोटे सपनो के बदले ,

निकल पडे हैं पांव अभागे ,जाने कौन डगर ठहरेंगे !वही प्यास के अनगढ़ मोती ,वही धूप की सुर्ख कहानी ,वही आंख में घुटकर मरती ,आंसू की खुद्दार जवानी ,हर मोहरे की मूक विवशता ,चौसर के खाने क्या जानेहार जीत तय करती है वे , आज कौन से घर ठहरेंगे .निकल पडे हैं पांव अभागे ,जाने…

ओ कल्पव्रक्ष की सोनजुही!

धरती के आतप से जलते..मन पर छाई निर्मल बदली..मैं तुमको मधुसदगन्ध युक्त संसार नहीं दे पाऊँगा|तुम मुझको करना माफ तुम्हे मैं प्यार नहीं दे पाऊँगा||तुम कल्पव्रक्ष का फूल औरमैं धरती का अदना गायकतुम जीवन के उपभोग योग्यमैं नहीं स्वयं अपने लायकतुम नहीं अधूरी गजल शुभेतुम शाम गान सी पावन होहिम शिखरों पर सहसा कौंधीबिजुरी सी…

मैं तो झोंका हूँ हवा का उड़ा ले जाऊँगा

हो के कदमों पे निछावर फूल ने बुत से कहाख़ाक में मिल के भी मैं खुश्बू बचा ले जाऊँगाकौन सी शै मुझको पहुँचाएगी तेरे शहर तकये पता तो तब चलेगा जब पता ले जाऊँगाकोशिशें मुझको मिटाने की भले हों कामयाबमिटते-मिटते भी मैं मिटने का मजा ले जाऊँगाशोहरतें जिनकी वजह से दोस्त दुश्मन हो गयेसब यह…

जिसकी धुन पर दुनिया नाचे, दिल ऐसा इकतारा है,

झूम रही है सारी दुनिया, जबकि हमारे गीतों पर,तब कहती हो प्यार हुआ है, क्या अहसान तुम्हारा है.जो धरती से अम्बर जोड़े , उसका नाम मोहब्बत है ,जो शीशे से पत्थर तोड़े , उसका नाम मोहब्बत है ,कतरा कतरा सागर तक तो ,जाती है हर उम्र मगर ,बहता दरिया वापस मोड़े , उसका नाम मोहब्बत…