हिंदी अनुवाद रजनीश मंगा द्वारा
हम औरतें अपने छोटे बच्चों को यह सिखलाती हैं
कि बुरा कितना है आपस में लड़ना झगड़ना; स्कूल और चर्च भी
इस पर बल देते हैं कि विकासशील बच्चों के मन को
अमन और प्यार के विचारों द्वारा कैसे स्वस्थ बनाए रखना है.
‘कुत्तों को भौंकने व काट खाने से ख़ुश हो लेने दो, ‘ हमने सुना हैं;
मगर मनुष्यों को, जिनमें परमात्मा का वास है,
पशुता वाले तौर-तरीकों से ऊपर उठना चाहिए
तथा विवेक से काम लेना चाहिए और खुद पर संयम रखना चाहिए.
और फिर- प्यारे परमात्मा! उन पुरुषों को जो बुद्धिमान भी हैं बलशाली भी
बौद्धिक रूप से जिन्होंने खुद को औरों से श्रेष्ठ घोषित कर रखा है
जो न्याय मार्ग के हमारे संगी हैं, वो ही तत्पर हैं युद्ध में जाने को!
तुम एक दूसरे पर झपटते हो, मारते काटते हो
और अपने साथियों को भूखों तड़पाते और जान से मारते हो
तथा इन दुस्साहस के लिए दुनिया की वाहवाही भी चाहते हो.
तुम ख़ुशी से फूल कर कुप्पा हो जाते हो;
और यदि इसकी प्रशंसा में कोई गीत नहीं गाया जाता,
खून में भीगा हुआ कोई महाकाव्य नहीं लिखा जाता,
यह बताते हुए कि तुमने कितनी दुल्हनों का सुहाग उजाड़ा है,
तुम बस कहने लग जाते हो- वीरो की गाथा कहने वाले नहीं रहे
और जोश दिलाने वाले भाव सदा के लिए सो गए हैं.
और हम, सभी औरतें, जिनका जीवन तुमसे जुड़ा है-
क्या कर सकती हैं सिवाय चुपचाप घर में बैठने के
और प्रतीक्षा करने और दुःख सहने के? हमारे लिए नहीं हैं ये
तुरही, रणभेरी व बिगुल से उद्घोषित युद्धोन्माद-
ये लहराती ध्वजायें हमारे लिए नहीं हैं, न हीं इनमें कोई महानता है,
यह विजयोत्सव या पर्व नहीं, हमारे लिए तो यह केवल है
अनिश्चितता की भयानक यंत्रणा, दिन प्रतिदिन
घर बैठे लड़ते रहना उसी निराशा के दानव से.
और जब कभी तुम्हारी विजय कथा इन कानों में पड़ती है,
तब साथ उनके ही छा जाती हैं दिल पर विषाद की रेखाएं
बर्बाद हो गए घर कितने ये ही सब ख्याल सताते हैं
जिन महिलाओं के पति, पिता या पुत्र दिवंगत हो गए
आज सभी वह रो रो कर धरती आकाश गुंजाती हैं
अरे मानवो, बुद्धिमानो, नरोत्तमो, तुम बतलाओ,
क्या प्रगतिशीलता के इस युग में
युद्धों का कोई विकल्प नहीं? यदि उत्तर इसका ‘नहीं’ में है
तब अच्छा है बच्चों को अपने हम भेड़िया बनने की तरबीयत दें
और उनको उनके पालने में ही सिखला दें कि हत्यायें कैसे करते हैं.
फिर हम औरतें क्यों अपने समय और श्रम को शांति जैसी बेकार बातों में
व्यर्थ गंवाएं जबकि मर्दों का रुझान युद्धों में कहीं अधिक है?
This is a translation of the poem
Woman And War
by
Ella Wheeler Wilcox

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